एक लड़की - 1 Radha द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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एक लड़की - 1

पंछी का आज कॉलेज में पहला दिन था आज वो बहुत खुश थी वह कॉलेज के बाहर दरवाजे पर खड़ी खड़ी सोच रही थीं कि कॉलेज कैसा होगा यहाँ के स्टूडेंट्स कैसे होंगे टीचर्स कैसे होंगे। ऐसा सोच ही रही थीं कि उसके पास से 2 लड़कियां ये बोलते हुए निकल गयी कि आज तो उसे छोड़ेंगे नहीं। परेशान कर दिया कुछ दिनों से । ऐसा सुन कर पंछी सोचने लगी कि ऐसा क्या होगा और वो कॉलेज में प्रवेश करती हैं। पंछी अपनी क्लास में जाती हैं जहाँ पहले से ही टीचर पढ़ा रहे हैं। वो जाकर बोली - मैं अंदर आ सकती हूं सर ? सर उसकि तरफ देखते हैं और बोलते हैं इतना लेट केसे आये । कल से टाइम पर आना वरना आने की कोई जरूरत नही हैं। पंछी बोलती है सॉरी सर कल से टाइम पर आउंगी । उसी क्लास में लास्ट वाली बैंच एक लड़का खिड़की की तरफ चेहरा किये हुए सो रहा था उसकी आवाज सुन कर वो ऊपर की ओर देखता है और पंछी को देखे चला जाता हैं पंछी क्लास में प्रवेश करती हैं। और लास्ट वाली खाली बैंच पर जाकर बैठ जाती हैं जो ऋषि की बैंच की साइड वाली बैंच ही थी। पंछी बुक निकालती हैं। ओर सर जो पढ़ा रहे होते हैं वो पढ़ने लगती हैं। लेकिन थोड़ी देर बाद उसे नींद आने लगती हैं और वह उसी बैंच पर अपने बैग पर सिर रख कर सो गई उसका चेहरा ऋषि की तरफ था ऋषि अचानक से उसकी तरफ देखता है और उसे सोता देख मुस्कुराने लगता है और वो भी पंछी की तरफ चेहरा करके सो जाता है और पंछी को देखे जाता है क्लास खत्म हो जाती हैं सर् के जाने के बाद उसके अगली बैंच पर बैठे ऋषि के दोस्त पीछे की ओर देखते हैं ऋषि को पंछी की तरफ देखता देखकर उसका एक दोस्त (राज) बोलता है अरे ! ये क्या हो रहा हैं आज ऋषि एक लड़की को देख रहा है ये अजूबा कैसे हो गया । तभी ऋषि का दूसरा दोस्त (हर्ष) बोलता हैं ऐसा कुछ नहीं है राज । ऋषि की पसंद बहुत सुंदर और स्मार्ट होगी कोई बहनजी नहीं। अपने ऋषि पर तो पूरे कॉलेज की इतनी सुंदर और स्मार्ट लड़कियां मरती है उनमे से ऋषि ने किसी को भाव नही दिया इसे क्या देगा ऋषि को ये सुनकर बहुत गुस्सा आता है और वो बोला ज्यादा नही बोल रहे हो तुम । सोच समझ कर बोला करो तभी राज बोला उसकी बातों को सीरियस मत लिया करो ये तो ऐसा ही है चलो ! कैंटीन चलते हैं। एसा बोल कर तीनो कैंटीन की ओर जाते हैं लेकिन हर्ष की बात सुन कर ऋषि की बहुत बुरा लगा था ( ऋषि पहली नज़र में ही उसे पसंद करने लगा था ) । कुछ समय बाद पंछी नींद से जागती हैं और क्लास से बाहर निकलती हैं उसने कॉलेज कभी देखा नहीं था तो उसने सोचा चलो कॉलेज को ही देख लिया जाये। और वो कॉलेज घूमने लगती हैं थोड़ी देर में वो कैंटीन पहुँचती हैं। कैंटीन में बहुत से स्टूडेंट्स होते हैं सभी अपना अपना काम कर रहे थे। वही दूसरी तरफ ऋषि ओर उसके 4 दोस्त बैठे हुए थे । पंछी उन सभी स्टूडेंट्स को देख कर घबरा जाती हैं। क्योंकि सभी बहुत बड़े घर के बच्चे थे और सभी बहुत मॉडर्न लग रहे थे लेकिन पंछी मिडिल क्लास घर से थी तो उसे फैशन के बारे में कुछ पता नहीं था। वो सोच रही थीं कि मेरा यहाँ पर कौन फ़्रेंड बनेगा। मैं तो इनके जैसी जरा भी नहीं हूं । उसकी ये घबराहट ऋषि वहाँ साफ देख पा रहा था और वह उठ कर उनके पास आने लगता है जैसे ही वो उसके पास आने वाला होता है पंछी घूम जाती हैं और चली जाती हैं । पंछी वापिस क्लास में जाकर बैठ जाती है तभी क्लास के बाहर से एक लड़की की आवाज आती हैं मुझे जाने दो। तुम्हे मुझसे क्या प्रॉब्लम हैं। आवाज़ सुन कर पंछी बाहर आती हैं। वहाँ पर कोई नहीं था। वो जिधर से आवाज़ आती हैं उसी ओर जाती हैं। वो छत पर पहुँच जाती हैं। वहाँ पर बहुत भीड़ थीं। वो उन सब को साइड करते हुए आगे पहुँचती हैं। वहाँ पर हर्ष, राज़ और वहीं 2 लड़कियां थीं जो उसे कॉलेज आते समय गेट पर मिली थी । वो जो लड़की जिसे उन दोनों ने पकड़ रखा था वो बहुत घबरा रही थी डर गयी थी वह रोते हुए हकलाते हुए बोली सॉरी ! मुझसे गलती हो गयी अब मै कभी तुम्हारी तरफ देखूंगी भी नहीं। नजरें झुका कर निकल जाउंगी। मैंने जो भी बोला उसके लिए सॉरी। तभी उनमें से एक लड़की (गेरू) बोली सॉरी ! सॉरी किस लिये। गलती की है तो सजा तो मिलेगी ही। ओर ऐसा बोलते ही वो उसे थप्पड़ पर थप्पड़ मारने लगी वो गिड़गिड़ाने लगी थी ओर बोलतीं रही सॉरी अब नही करूँगी ये सब देख कर पंछी से रहा नहीं गया और वो बोल पड़ी ये क्या हो रहा है ये कॉलेज है यहाँ पर तुम ऐसी हरकत नही कर सकते। छोड़ो उसे । ऐसा बोलते हुए वो उसके पास चली जाती है और उसे पकड़ कर उठाती हैं। ये देख कर गेरू को बहुत गुस्सा आता है और वो गुस्से में बोलती है अपने काम से काम रख । यहाँ पर दख़ल मत दे । वरना अगली बार बोलने के काबिल नही रहेगी । पंछी बोली - कर क्या लोगे तुम । ये कॉलेज हैं यहाँ पर तुम अपनी मनमानी नही कर सकते । हम यहाँ पढ़ने आते हैं हमें पढ़ने दो । तभी गेरू बोलती हैं - पढ़ाई करने आते हो तो चुप चाप पढ़ाई नही कर सकते क्या। तुम दूसरों के काम मे दख़ल क्यों देते हो। इतने में भीड़ में से ऋषि निकल कर आते हुए बोलता है कि प्रिंसिपल आ रहे है। ये सब रोको अभी। इतना बोलते ही ऋषि की नज़र पंछी पर जाती हैं। पंछी को वह देख ऋषि के होश उड़ जाते है । उसे समझ नही आता पंछी यहाँ कैसे है। और वहाँ प्रिंसिपल आ जाते है । आते ही गुस्से में बोलते हैं फिर से लड़ाई झगड़ा करने लग गए । तुम पांचो अभी मेरे ऑफिस में आओ और इस भीड़ को ख़त्म करो। सभी वहाँ से चले जाते हैं और ऋषि ओर उसके दोस्त भी वहाँ से निकल जाते हैं प्रिंसिपल सर् पंछी से बोलते हैं कि इसका मैडिकल रूम में चेक उप करवा कर घर भिजवा देना ओर उस लड़की से बोलते हैं कि तुम्हे कुछ दिन आराम करना चाहिए ठीक हो जाओ तब वापिस आ जाना इन्हें मै संभाल लूँगा। पंछी उसे लेकर निकल जाती हैं। प्रिंसिपल भी चले जाते हैं पंछी चेक उप करवा कर रिक्से से उसे घर भेज देती हैं और वापिस कॉलेज में आती है तब सभी उसी की तरफ देख रहे थे वो सभी को नज़रअंदाज़ करके निकल जाती हैं। ओर उधर प्रिंसिपल ऑफिस में सभी के साथ खड़ा ऋषि उसी के बारे में सोच रहा था । थोड़ी देर बाद प्रिंसिपल सर् आते हैं और अपनी चेयर पर बैठ जाते हैं।